शब्द का अर्थ
|
वैराग :
|
पुं०=वैराग्य।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वैरागिक :
|
वि० [सं० विराग+ठञ्-इक] १. विराग संबंधी। २. विराग उत्पन्न करनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वैरागी :
|
वि० [सं० वैराग्य+इनि] जिसके मन में विराग उत्पन्न हुआ हो। जिसका मन संसार की ओर से हट गया हो। विरक्त। जैसे—बंदा वीर वैरागी। पुं० उदासीन वैष्णवों का एक संप्रदाय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वैराग्य :
|
पुं० [सं० विराग+ष्यञ्] १. वह अवस्था जिसमें मन में किसी के प्रति राग-भाव नहीं होता। २. मन की वह वृत्ति जिसके कारण संसार की विषय-वासना तुच्छ प्रतीत होती है और व्यक्ति संसार की झंझटें तोड़कर एकांत में रहता है और ईश्वर का भजन करता है। विरक्ति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |