शब्द का अर्थ
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फलक :
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पुं० [सं० फल+कन्] १. तखता। पट्टी। पटल। २. वह लंबा-चौड़ा कागज जिस पर कोई कोष्ठक, मान-चित्र या विवरण अंकित हो। फरद। (शीट) जैसे—दुर्वृत्त फलक। (देखें) ३. चादर। ४. तबक। वरक। ५. पुस्तक का पन्ना। पृष्ठ। ६. हथेली। ७. चौकी। ८. खाट या चारपाई का बुनावटवाला वह अंश जिस पर लोग लेटते हैं। पुं० [अं० फलक] १. आकाश। आसमान। २. ऊपरवाला लोक जो मुसलमानोंमे भाग्य का विधाता और सुख-दुःख का दाता माना जाता है। स्त्री० [अ० फलक] सबेरे का उजाला। उषा। |
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समानार्थी शब्द-
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फलक-यंत्र :
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पुं० [सं० मध्य० स०] ज्योतिष में एक प्रकार का यंत्र जिसकी सहायता से ज्या आदि का निर्णय किया जाता है। |
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फलकंद :
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पुं०=फरफंद। |
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फलकना :
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अ० [अनु] १. छलकना। २. उमगना। ३. दे० ‘फड़कना’। |
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फलका :
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पुं० [अ० फलक] १. दो या अधिक खंडोवाला नाव में का वह दरवाजा जिसमें से होकर लोग ऊपर-नीचे आते-जाते हैं। २. मुलायम मिट्टी। ३. अखाड़ा। (पहलवानों का)। पुं० फफोला। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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