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त्रि-शंकु  : पुं० [सं० ब० स०] १. एक प्रसिद्ध सूर्यवंशी राजा जो यज्ञ करके स-शरीर स्वर्ग पहुँचना चाहते थे, परंतु देवताओं के विरोध के कारण वहाँ नहीं पहुँच सके थे। पुराणों की कथा के अनुसार जब विश्वामित्र अपनी तपस्या के बल से इन्हें स्वर्ग भेजने लगे तब इन्द्र ने इन्हें बीच में ही रोककर लौटना चाहा, जब ये उलटे होकर गिरने लगे, तब विश्वामित्र ने इन्हें मध्यआकाश में ही रोक दिया जहाँ ये अब तक एक तारे के रूप में स्थित है। २. एक प्राचीन पर्वत ३. पपीहा। ४. बिल्ली। ५. जुगनूँ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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