शब्द का अर्थ
|
ताड्य :
|
वि० [सं०√तड्+णिच्+यत्] १. जिसका ताडन हो सके। ताड़ना का अधिकारी या पात्र। २. जिसे डाँटा-डपटा जा सकता हो या डाँटना-डपटना उचित हो। ३. जिसे दंड दिया जा सकता हो या दिया जाने को हो। दंडनीय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ताड्यनमान :
|
वि० [सं०√तड्+णिच्+शानच् (कर्म० स०)] १. जो पीटा जाता हो। जिस पर मार पड़ती हो। २. जिसे डाँटा-डपटा जाता हो। पुं० डंडे से बजाया जानेवाला एक प्रकार का बड़ा ढोल। ढक्का। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |