शब्द का अर्थ
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जाग्रत् :
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वि० [सं०√जागृ+शतृ] १. जागता हुआ। २. सचेत। सावधान। ३. जो अपने दूषित वातावरण को बदलने और अपनी उन्नति तथा रक्षा के लिए तत्पर हो चुका हो। ४. प्रकाशमान। पुं० दर्शनशास्त्र में, जीव या मनुष्य की वह अवस्था जिसमें उस सब बातों का परिज्ञान होता हो और वह अपनी इंद्रियों के सब विषयों का बोग कर सकता हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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