शब्द का अर्थ
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जल :
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पुं० [√जल (जीवन देना)+अच्] १. गंध तथा स्वाद से रहित वह प्रसिद्ध सफेद तरल पदार्थ जो बादल वर्षा के रूप में पृथ्वी पर गिराते हैं। और जिससे झीलें, नदियाँ, समुद्र आदि बनते हैं। पानी। २. उशीर। खस। ३. पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र। ४. जन्म कुंडली में का चौथा घर। ५. सुंगधवाला। ६. तेल। उदाहरण–मेरे अंतरतम के दीपक वे क्या जल बिन जल न सकेंगे।-नरेन्द्र। ७. एक प्रकार का दिव्य। (परीक्षा)। ८. रहस्य संप्रदाय में, (क) माया। (ख) शरीर। (ग) संसार। |
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समानार्थी शब्द-
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जल-अलि :
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पुं० [ष० त०] १. पानी का भँवर। २. पानी पर तैरनेवाला काले रंग का एक छोटा कीड़ा। भौंरा। |
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जल-कंटक :
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पुं० [स० त०] १. सिघाड़ा। २. कुंभी। |
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जल-कंडु :
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पुं० [मध्य० स०] पैरों मे होनेवाली वह खुजली जो उनके जल में भींगते रहने के कारण उत्पन्न होती है। |
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जल-कंद :
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पुं० [मध्य० स०] १. केला। २. काँदा नामक गुल्म। |
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जल-कपि :
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पुं० [स० त०] सूँस नामक जल-जंतु। |
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जल-कपोत :
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पुं० [मध्य० स०] जलाशयों के किनारे रहनेवाली एक चिड़िया। |
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जल-कर :
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पुं० [मध्य० स०] १. वह कर जो किसानों को नहर से सिंचाई के लिए जल लेने के बदले में देना पड़ता है। २. जलाशयों में होनेवाले पदार्थ। जैसे–कमल गट्टा, मछली सिघाड़ा आदि। ३. उक्त प्रकार के पदार्थों पर लगनेवाला कर। |
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जल-करंक :
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पुं० [मध्य० स०] १. नारियल। २. कमल। ३. शंख। ४. तरंग। लहर। ५ बादल। |
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जल-कल :
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स्त्री० [सं० जल+हिं० कल] १. वह यंत्र जिसकी सहायता से नलों द्वारा किसी नगर के घर-घर में पानी पहुँचाया जाता है। २. उक्त कार्य की व्यवस्था करनेवाला विभाग। |
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जल-कल्क :
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पुं० [ष० त०] १. कीचड़। २. सेवार। ३. काई। |
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जल-कल्मष :
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पुं० [ष० त०] हलाहल। |
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जल-काक :
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पुं० [स० त०] जल-कौआ नामक पक्षी। |
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जल-कांक्ष :
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पुं० [जल√कांक्ष् (चाहना)+अण्] हाथी। |
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जल-कांक्षी(क्षिन्) :
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पुं० [जल√कांक्ष्+णिनि] हाथी। |
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जल-काँच :
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पुं० [सं० जल+हिं० काँच] १. काँच का वह बड़ा पात्र जिसमें इसलिए जल भरकर रखते हैं कि उसमें मछलियाँ वनस्पतियाँ आदि रह सकें। २. एक प्रकार का यंत्र जो ऐसी बालटी के रूप में होता है जिसके पेदें में शीशा लगा रहता है और जिसकी सहायता से जल के अंदर की चीजें देखी जाती हैं। (वाटर ग्लास)। |
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जल-कांत :
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पुं० [ष० त० ] १. वायु। २. वरुण। |
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जल-कांतार :
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पुं० [ब० स०] वरुण। |
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जल-कामुक :
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पुं० [ष० त०] कुटुंबिनी नामक वृक्ष। |
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जल-किराट :
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पुं० [जल-किर, स० त√अट् (गति)+अच्] ग्राह। घड़ियाल। |
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जल-कुक्कुट :
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पुं० [स० त०] मुरगाबी नामक पक्षी। |
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जल-कुक्कुभ :
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पुं० [स० त०] एक जल-पक्षी। |
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जल-कुंतल :
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पुं० [ष० त०] सेवार। |
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जल-कुब्जक :
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पुं० [जल-कुब्ज० स० त√कै (प्रतीत होना)+क] १. सेवार। २. काई। |
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जल-कूपी :
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स्त्री० [ष० त०] १. तालाब। २. भँवर। |
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जल-कूर्म :
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पुं० [स० त०] सूँस नामक जल-जंतु। |
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जल-केतु :
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पुं० [ष० त०] एक पुच्छल तारे का नाम। |
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जल-केलि :
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स्त्री० [स० त०] जलाशय में नहाते या तैरते समय की जानेवाली क्रीड़ाएँ। |
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जल-केश :
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पुं० [ष० त०] सेवार। |
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जल-क्रिया :
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पुं० [मध्य० स०] तर्पण। |
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जल-क्रीड़ा :
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स्त्री० [स० त०] जलाशय में नहाते समय की जानेवाली क्रीड़ा। जल-विहार। |
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जल-खग :
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पुं० [ष० त०] जलाशयों के किनारे रहनेवाला एक पक्षी। |
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जल-गर्द :
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पुं० [स० त०] जल में रहनेवाला साँप। डेढ़हा। |
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जल-गर्भ :
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पुं० [मध्य०स०] बुद्ध के प्रसिद्ध शिष्य आनंद का पूर्व जन्म का नाम। वि० [ब० स०] जिसके गर्भ में जल हो। पानी बरसानेवाला (बादल)। |
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जल-घड़ी :
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स्त्री० [हिं० जल+हिं० घड़ी०] समय का बोध करानेवाला एक प्राचीन यंत्र। विशेष–एक विशेष प्रकार की कटोरी को जिस में एक छोटा सा छेद होता था, पानी से भरी हुई नाँद में छोड़ा जाता है और इसमें भरे जाने वाले जल के परिमाण से समय का ज्ञान होता था। |
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जल-चत्वर :
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पुं० [तृ० त०] वह भू-भाग जहाँ जल की कमी हो। |
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जल-चर :
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पुं० [जल√ चर्(चलना)+ट] जल में रहनेवाले जीव जंतु। |
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जल-चादर :
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स्त्री० [सं० जल+हिं० चादर] ऊँचे स्थान से चादर के रूप में गिरनेवाला जल का चौड़ा प्रवाह। झरना। |
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जल-चारी(रिन्) :
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पुं० [जल√चर्+णिनि] जल में रहनेवाला जीव। |
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जल-चिन्ह :
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पुं० [ष० त०] १. एक जल-जंतु। कुंभीर। नाक। २. वह चिन्ह या रेखा जो यह सूचित करने के लिए बनाई जाती है कि नदी की बाढ़ आदि का पानी कब कितना ऊँचा पहुँचता या पहुँचा था। ३. कागज बनाने के समय वह विशिष्ठ प्रक्रिया से बनाया जानेवाला वह चिन्ह जो उसकी किसी विशिष्टता का सूचक होता है और जो कागज को केवल प्रकाश के सामने रखने पर दिखाई देता है। (वाटर मार्क)। |
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जल-जन्तु :
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पुं० [ष० त०] जल में रहनेवाले जीव या प्राणी। |
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जल-जन्य :
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पुं० [तृ० त०] कमल। |
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जल-जात :
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वि० [स० त०] जो जल में उत्पन्न हो। जलज। पुं० कमल। |
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जल-जिह्न :
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पुं० [ब० स०] घड़ियाल। |
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जल-जीवी (विन्) :
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पुं० [जल√ जीव् (जीना)+णिनि] मछुआ। |
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जल-डमरूमध्य :
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पुं० [सं०] भूगोल में जल की वह पतली जलधारा जो दो बड़े समुद्रों को मिलाती है। |
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जल-डिंब :
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पुं० [स० त०] घोंघा। |
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जल-तरंग :
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पुं० [ष० त०] १. जल से भरी हुई कटोरियों का वर्ग या समूह जिस पर अलग-अलग आघात कर के सातों स्वर निकाले जाते हैं। २. उक्त कटोरियों पर आघात करने से होनेवाली ध्वनि या शब्द। |
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जल-तरोई :
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स्त्री० [हिं० जल+तरोई] मछली (व्यंग्य और हास्य)। |
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जल-ताड़न :
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पुं० [ष० त०] जल पर आघात करने के समान व्यर्थ का काम करना। |
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जल-तापिक :
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पुं० [सं० जलतापिन्+कन्] एक प्रकार की बड़ी समुद्री मछली। |
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जल-तापी(पिन्) :
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पुं० [सं० जल√तप् (तपना)+णिनि]=जलतापिक। |
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जल-तिक्तिका :
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स्त्री० [मध्य० स०] सलई का पेड़ और उसकी लकड़ी। |
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जल-त्रास :
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पुं० [तृ० त०] जलातंक। (दे०)। |
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जल-दस्यु :
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पुं० [मध्य० स०] [भाव० जलदस्युता] वह जो समुद्री जहाजों के यात्रियों आदि का सामान लूटता हो। |
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जल-दान :
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पुं० [ष० त०] तर्पण। |
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जल-दाशन :
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पुं० [सं० जलद-अशन, ष० त०] साखू का पेड़ और उसकी लकड़ी। |
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जल-दुर्ग :
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पुं० [मध्य० स०] वह दुर्ग जो किसी झील, नदी, समुद्र आदि से घिरा हुआ हो। |
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जल-देव :
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पुं० [ब० स०] १. पूर्वाषाढ़ा नामक नक्षत्र। २. [ष० त०] वरुण। |
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जल-देवता :
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पुं० [सं० ष० त०] वरुण। |
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जल-द्रव्य :
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पुं० [मध्य० स०] जल में उत्पन्न होनेवाली वस्तुएँ। जैसे–मुक्ता, शंख आदि। |
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जल-धर :
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पुं० [√धृ (धारण)+अच्-धर, जल-धर, ष० त०] १. बादल। २. समुद्र। ३. जलाशय। |
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जल-धारा :
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स्त्री० [ष० त०] १. जल की वह राशि जो पृथ्वी पर बह रही हो। जल का प्रवाह। २. एक प्रकार की तपस्या जिसमें ध्यान-मग्न तपस्वी पर धारा के रूप में जल कुछ समय तक छोड़ा जाता है। |
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जल-नाथ :
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पुं० [ष० त०] १. इंद्र। २. वरुण। ३. समुद्र। |
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जल-निधि :
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पुं० [ष० त०] १. समुद्र। २. चार की संख्या की सूचक संज्ञा। |
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जल-निवास :
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पु० [स० त०] वह झोपड़ी या छोटा मकान जो कुछ देशों के लोग बड़ी झील के पिछले भाग में खंभों पर अपने रहने के लिए बनाते हैं। (लेक ड्वेलिंग)। |
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जल-पक्षी(क्षिन्) :
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पुं० [मध्य० स०] वे पक्षी जो जलाशयों के समीप रहने तथा उनमें की मछलियाँ पकड़कर खाते हैं। |
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जल-पति :
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पुं० [ष० त०] १. वरुण। २. समुद्र। ३. पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र। |
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जल-पथ :
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पुं० [ष० त०] १. दे० जलमार्ग। २. नहर। |
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समानार्थी शब्द-
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जल-परी :
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स्त्री० [सं० जल+फा०परी] एक कल्पित जल-जंतु जिसका कमर से ऊपरी भाग स्त्रियों का सा और नीचे का भाग मछलियों का सा माना जाता है। (मर्मेड)। |
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समानार्थी शब्द-
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जल-पान :
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पुं० [सं० जल और पान] भोजन से पहले या बाद में। (प्रायः प्रातःकाल और सायंकाल) किया जानेवाला हलका भोजन। कलेवा। नाश्ता। |
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समानार्थी शब्द-
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जल-पाराक्त :
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पुं० [स० त०] जलाशयों के किनारे रहनेवाली जल कपोत। नामक चिड़िया। |
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समानार्थी शब्द-
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जल-पिंड :
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पुं० [ष० त०] अग्नि। आग। |
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समानार्थी शब्द-
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जल-पिप्पलिका :
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स्त्री० [मध्य० स०] जलपीपल। |
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उपलब्ध नहीं |
जल-पिप्पली :
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स्त्री० [मध्य० स०] जलीपात नामक ओषधि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-पिप्पिका :
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स्त्री० [ष० त०] मछली। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-पीपल :
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स्त्री० [सं० जलपिप्पली] १. पीपल की जाति का एक प्रकार का छोटा पेड़ जो खड़े या स्थिर पानी में होता है। २. उक्त पेड़ की फली जो पाचक होती है और ओषधि के काम आती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-पुष्प :
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पुं० [मध्य० स०] १. जलाशयों में उत्पन्न होनेवाले फूलों की संज्ञा। २. लज्जावंती की जाति का एक पौधा जो प्रायः दलदलों में होता है। |
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समानार्थी शब्द-
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जल-पृष्ठ जा :
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स्त्री० [सं० जल-पृष्ठ, ष० त०,√ जन् (उत्पत्ति)+ड-टाप्] सेवार। |
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समानार्थी शब्द-
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जल-प्रदान :
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पुं० [ष० त०] जल देने विशेषतः तर्पण करते समय पितरों आदि को जल देने की क्रिया या भाव। |
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समानार्थी शब्द-
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जल-प्रपा :
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पुं० [ष० त०] पौंसरा। प्याऊ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-प्रपात :
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पुं० [ष० त०] १. पहाड़ों आदि में बहुत ऊँचाई से गिरनेवाला पानी या प्राकृतिक झरना। प्रपात। (वाटर फाल) २. वह स्थान या ऊँचा पहाड़ जहाँ पर से जल की धारा नीचे गिरती हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-प्रवाह :
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पुं० [ष० त०] १. कोई चीज जल में प्रभावित करने अर्थात् बहाने की क्रिया या भाव। २. जल की धारा से किसी ओर बहने की क्रिया, गति या भाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-प्रांगण :
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पुं० [ष० त०] समुद्र का उतना भादृग जितने पर उसके तट पर स्थित राज्य का अधिकार समझा जाता है। (टेरिटोरियल वाटर्स) विशेष–अंतर्राष्ट्रीय विधान के अनुसार वह क्षेत्र तट से तीन मील की दूरी तक होता है। पर अब कुछ राष्ट्र इसे १२ मील तक रखना चाहते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-प्रांत :
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पुं० [ष० त०] जलाशय के आसपास का प्रदेश। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-प्राय :
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वि० [ब० स०] (ऐसा भू-भाग) जिसमें जलाशय अर्थात् ताल, नदियाँ, नहरें आदि बहुत अधिक हों। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-प्रिय :
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पुं० [ष० स०] १. मछली। २. चातक। पपीहा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-प्लावन :
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पुं० [ष० त०] १. ऐसी भीषण बाढ़ जिसमें चारों ओर बहुत दूर-दूर तक जल ही जल दिखाई देता हो और धरातल उक्त बाढ़ के फलस्वरूप पानी से ढक जाता हो। २. एक प्रकार का प्रलय जिसमें सब देश डूब जाते हैं। (पुराण)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-फल :
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पुं० [मध्य० स०] सिंघाड़ा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-बंधक :
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वि० [ष० त०] जल को बाँधनेवाला। पुं० बाँध। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-बंधु :
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पुं० [ब० स०] मछली। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-बम :
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पुं० [सं० जल+अं० बाम्ब] जल में छोड़ा जानेवाला एक प्रकार का रासायनिक विस्फोटक गोला जो आस-पास के जहाजों, पनडुब्बियों आदि को नष्ट कर देता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-बाला :
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स्त्री० [ष० त०] बिजली। उदाहरण–जलबाला न समाइ जलदि।–प्रिथीराज। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-बालिका :
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स्त्री० [ष० त०] बिजली। विद्युत्। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-बिडाल :
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पुं० [स० त०] ऊदबिलाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-बिंब :
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पुं० [ष० त०] पानी का बुलबुला। बुल्ला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-बिल्व :
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पुं० [मध्य० स०] १. केकड़ा। २. वह प्रदेश जहां जल की कमी हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-बुदबुद :
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पुं० [ष० त०] पानी का बुलबुला। बुल्ला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-ब्राह्मी :
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स्त्री० [स० त०] हुरहुर का साग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-भँगरा :
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पुं० [सं० जल+हिं० भँगरा] जलाशयों में होनेवाला एक प्रकार का भँगरा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-भालू :
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पुं० [हिं० जल+भाल] सील की जाति का आठ-दस हथ लंबा एक समुद्री जंतु जिसके सारे शरीर पर बड़े-बड़े बाल होते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-भूषण :
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पुं० [ष० त० ] वायु। हवा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-भौंरा :
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पुं० [सं० जल+हिं० भौंरा] काले रंग का एक प्रसिद्ध छोटा कीड़ा जो जल के ऊपरी स्तर पर चलता, दौड़ता या तैरता रहता है। भौंतुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-मंडल :
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पुं० [ब० स०] एक प्रकार की बड़ी विषैली मकड़ी जिसके स्पर्श से कभी-कभी मनुष्य मर जाता है। चिरैयाबुदकर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-मंडूक :
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पुं० [उपमि० स०] पुरानी चाल का एक प्रकार का बाजा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-मदगु :
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पुं० [उपमि० स०] कौड़िल्ला (पक्षी)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-मधूक :
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पुं० [मध्य० स०] जल-महुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-मल :
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पुं० [ष० त०] झाग। फेन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-मसि :
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पुं० [तृ० त०] १. बादल। मेघ २. एक प्रकार का कपूर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-महुआ :
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पुं० [सं० जलमधूक] जलाशयों के समीप होनेवाला एक प्रकार का महुआ (पेड़) और उसका फल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-मातृका :
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स्त्री० [मध्य० स०] जल में रहनेवाली सात देवियों-मत्सी, कूर्मी, वाराही, दर्दुरी, मकरी, जलूका और जंतुका में से कोई एक। (पुराण) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-मानुष :
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पुं० [मध्य० स०] [स्त्री० जलमानुषी] दे० ‘जल-परी’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-मापक :
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पुं० [ष० त०] घड़ी के आकार का वह यंत्र जो जल आदि में से निकले हुए जल का मान बतलाता है। (हाइड्रो मीटर)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-माया :
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स्त्री० [ष० त०] मृग-तृष्णा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-मार्ग :
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पुं० [ष० त०] नहर, नदी, समुद्र आदि में का वह मार्ग या रास्ता जिससे जहाज, नावें आदि आती-जाती रहती हैं। (वाटरवेज) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-मार्जार :
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पुं० [ष० त०] ऊदबिलाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-मुलेठी :
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स्त्री० [सं० जलयष्टी] जलाशय में होनेवाली एक प्रकार की मुलेठी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-मूर्ति :
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पुं० [ब० स०] शिव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-मूर्तिका :
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पुं० [सं० जल-मूर्ति, ष० त०+कन्-टाप्] ओला। करका। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-यंत्र :
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पुं० [ष० त०] १. वह उपकरण जिससे कुएँ आदि से पानी ऊपर उठाकर नलों की सहायता से दूर-दूर तक पहुँचाया जाता है। २. फुहारा। ३. जलधड़ी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-यात्रा :
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स्त्री० [मध्य० स०] १. नदी, समुद्र आदि के द्वारा होनेवाली यात्रा। २. अभिषेक आदि के समय पवित्र जल लाने के लिए कहीं जाना। ३. ज्येष्ठ की पूर्णिमा को होनेवाला वैष्णवों का एक उत्सव जिसमें विष्णु की मूर्ति को ठंडे जल से स्नान कराया जाता है। ४. राजपूताने में कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी को मनाया जानेवाला एक उत्सव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-यान :
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पुं० [ष० त०] वह यान या सवारी जो जल में चलती हो। जैसे–जहाज, नाव आदि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-रंक :
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पुं० [सं० स० त०] बगुला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-रंकु :
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पुं० [सं० स० त०] बनमुर्गी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-रंग :
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पुं० [मध्य० स०] १. चित्र-कला में, तैल-रंग से भिन्न वह रंग जो जल और गोंद आदि के योग से तैयार किया जाता है। (वाटर कलर) २. उक्त प्रकार के रंगों से चित्र अंकित करने की प्रणाली। ३. उक्त प्रकार के रंगों से अंकित चित्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-रंड :
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पुं० [ष० त०] १. भँवर। २. जलकण। ३. साँप। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-रस :
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पुं० [मध्य०] नमक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-राशि :
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पुं० [ष० त०] १. अथाह जल। २. समुद्र। ३. ज्योतिष में, कर्क, मकर, कुंभ और मीन राशियाँ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-रुद्ध :
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वि० [तृ० त०] १. जल से घिरा या रुँधा हुआ। २. इतना कड़ा या ठोस (पदार्थ) कि उसके छेदों में जल का प्रवेश न हो सकता हो। (वाटर टाइट)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-रुह :
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वि० [सं० जल√रुह्(उगना)+क] जल में उत्पन्न होने वाला। पुं० जल में उत्पन्न होनेवाली वनस्पतियों तथा उनके फल-फूलों आदि की संज्ञा। जैसे–कमल, सिंघाड़ा आदि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-रूप :
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पुं० [ब० स०] ज्योतिष में मकर राशि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-लता :
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स्त्री० [स० त०] तरंग। लहर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-लोहित :
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पुं० [ब० स०] एक राक्षस का नाम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-वर्त्त :
|
पुं० [ष० त०] १. एक प्रकार के मेघ। २. जलार्वत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-वल्कत :
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पुं० [ष० त०] जलकुंभी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-वल्ली :
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स्त्री० [मध्य० स०] सिंघाड़ा। |
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उपलब्ध नहीं |
जल-वानीर :
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पुं० [मध्य० स०] जलबेंत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-वायस :
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पुं० [स० त०] कौडिल्ला। (पक्षी)। |
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समानार्थी शब्द-
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जल-वायु :
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पुं० [द्व० स०] किसी प्रदेश की प्राकृतिक या वातावरणिक स्थिति जिसका विशेष प्रभाव, जीवों, जंतुओं, वनस्पतियों आदि की उपज, विकास तथा स्वास्थ्य पर पड़ता है। (क्लाइमेट)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-वायुमान :
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पुं० [ष० त०] वह वायुमान जो समुद्र या बड़े जलाशयों के तल पर भी उतर सकता और फिर वहीं से उड़कर आकाश में भी जा सकता है। (हाइड्रो प्लेन)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-वाष्प :
|
पुं० [ष० त०] पानी की वह भाप जो वेग से किसी चमकीले पदार्थ पर डाल कर ताप, प्रकाश आदि उत्पन्न करने के काम में लाई जाती हैं। (वाटर गैस)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-वास :
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पुं० [स० त०] १. जल में वास करने अर्थात् रहने की क्रिया या भाव। २. साँस रोककर तथा पानी में डुबकी लगाकर बैठने की क्रिया या साधना। उदाहरण–कुशल बली है जलवास की कला में भी। मैथलीशरण। ३. [ब० स०] खस। ४. [जल√वस्] विष्णुकंद। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-विश्लेषण :
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पुं० [ष० त०] जल के संयोजक तत्त्वों को अलग-अलग करने की क्रिया या भाव। (हाइड्रोलिसिस)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-विषुव :
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पुं० [मध्य० स०] ज्योतिष में वह योग या स्थिति जब सूर्य कन्या राशि से तुला राशि में संक्रमण करता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-वीर्य :
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पुं० [ब० स०] भरत के पुत्र का नाम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-वृश्चिक :
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पुं० [स० त०] झींगा मछली। |
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समानार्थी शब्द-
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जल-वैकृत :
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पुं० [ष० त०] जलाशयों नदियों आदि के संबंध में होनेवाली कुछ अनोखी और असाधारण बातें जो अपनी भावी दैवी उत्पात आदि की सूचक होती हैं। जैसे–नदी का अपने स्थान से हटना, जलाशयों का अचानक सूख जाना आदि आदि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-व्याघ्र :
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पुं० [स० त०] [स्त्री० जल-व्याघ्री] सील की जाति का एक हिंसक जल-जंतु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-व्याल :
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पुं० [मध्य० स०] पानी में रहनेवाला सांप। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-शयन :
|
पुं० [ब० स०] विष्णु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-शूक :
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पुं० [स० त०] सेवार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-शूकर :
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पुं० [ष० त०] कुंभीर नाक नामक जल-जंतु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-संघ :
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पुं० [ब० स०] धृतराष्ट्र का एक पुत्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-संघात :
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पुं० [ष० त०]=जलराशि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-संत्रास :
|
पुं=जलांतक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-समाधि :
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स्त्री० [स० त०] १. जल में डूबकर प्राण देना। २. जल में डुबाया या प्रवाहित किया जाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-समुद्र :
|
पुं० [मध्य० स०] सात समुद्रों में से अंतिम समुद्र। (पुराण) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-सर्पिणी :
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स्त्री० [स० त०] जोंक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-संस्कार :
|
पुं० [स० त०] १. स्नान करना। नहाना। २. धोना। ३. शव को नदी आदि में प्रवाहित करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-सूचि :
|
पुं० [स० त०] १. सूँस। २. बड़ा कछुआ। ३. जोंक। ४. जल में होनेवाला एक पौधा। ५. सिंघाड़ा। ६. कौआ। ७. कौआ नामक मछली। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-सूत :
|
पुं० [स० त०] नहरुआ। (रोग०) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-सेना :
|
स्त्री० [मध्य० स०] किसी राष्ट्र की वह सेना (वायु तथा स्थल-सेना से भिन्न) जो समुद्र-तटों की शत्रुओं से रक्षा करता तथा समुद्र में पहुँचकर विपक्षियों के जहाजों से युद्ध करती है। (नेवी)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-सेनी :
|
पुं० [सं०] एक प्रकार की मछली। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-स्तंभ :
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पुं० [ष० त०] एक प्राकृतिक घटना जिसमें जलाशय या समुद्र में आकाश से बादल झुक पड़ते हैं और जलाशय या समुद्र का जल कुछ समय के लिए ऊपर उठकर स्तंभ का रूप धारण कर लेता है। सूँडी (वाटर स्पाउट)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-स्तंभन :
|
पुं० [ष० त०] मंत्रों आदि की शक्ति से जल की गति या प्रवाह रोकना या बंद करना। |
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समानार्थी शब्द-
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जल-हरण :
|
पुं० [ष० त०] मुक्तक दंडक का एक भेद जिसके प्रत्येक चरण में ३२ वर्ण होते हैं और आठ, आठ, नौ और फिर सात पर यति होती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-हस्ती(स्तिन्) :
|
पुं० [स० त०] सील की जाति का एक स्तनपायी जल-जंतु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-हास :
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पुं० [ष० त०] समुद्र फेन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल-होम :
|
पुं० [स० त०] हवन का एक प्रकार जिसमें जल में ही आहुति दी जाती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलई :
|
स्त्री० [?] एक प्रकार की कील या काँटा जिसके दोनों ओर अँकुडे होते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलक :
|
पुं० [सं० जल√कै (प्रकाशित होना)+क] १. शंख। २. कौड़ी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलकिनार :
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पुं० [हिं० जल+किनारा] एक प्रकार का रेशमी कपड़ा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलकुंभी :
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स्त्री० [हिं० जल+कुंभी] कुंभी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलकौआ :
|
पुं० [हिं० जल+कौआ] काले रंग का एक प्रसिद्ध जल-पक्षी जिसकी गर्दन सफेद और चोंच भूरे रंग की होती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलखर :
|
पुं० [हिं० जाल] [स्त्री० अल्पा० जलखरी] धागों या रस्सियों की बनी हुई वह बड़ी जाली जिसमें फल आदि रखकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाये जाते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलखावा :
|
पुं० [सं० जल+हिं० खाना] जलपान। कलेवा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलंग :
|
पुं० [सं० जल√गम् (जाना)+ड, मुम्] महाकाल नामक लता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलंगम :
|
पुं० [सं० जल√गम्+खच्, मुम्] चांडाल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलगुल्म :
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पुं० [ष० त०] १. पानी में का भँवर। २. कछुआ। ३. ऐसा प्रदेश जिसमें जल की कमी हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलग्रभ :
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वि०=जल-गर्भ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलघुमर :
|
पुं० [हिं० जल+घूमना] पानी का भँवर। जलावर्त्त। चक्कर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलचरी :
|
स्त्री० [जलचरी+ङीप्] मछली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलचौलाई :
|
स्त्री०=चौलाई।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलज :
|
वि० [सं० जल√जन् (उत्पत्ति)+ड] जल में से उत्पन्न होने वाला। पुं० १. कमल। २. जल-जंतु। ३. मोती। ४. शंख। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलजन्तुका :
|
स्त्री० [सं० जलजंतु+कन्-टाप्] जोंक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलजंबुका :
|
स्त्री० [सं० जल-जंबु, मध्य० स०+कन्-टाप्] जल जामुन नामक पेड़ और उसका फल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलजला :
|
पुं० [अ० ज़ल जलः] भूकंप। भूडोल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलजामुन :
|
पुं० [सं० जल+हिं० जामुन] १. नदियों के किनारे होनेवाला एक प्रकार का जंगली जामुन का वृक्ष। २. उक्त पेड़ का फल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलजासन :
|
पुं० [जलज–आसन, ब० स०] वह जिसका आसन कमल हो अर्थात् ब्रह्मा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलण :
|
स्त्री० [सं० ज्वलन] अग्नि।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलताल :
|
पुं० [सं० जल+तल्-टाप्, जलता√अल् (पूरा होना)+अच्] सलई का पेड़ और उसकी लकड़ी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलत्रा :
|
स्त्री० [जल√त्रा(वचाना)+क-टाप्] छाता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलथंभ :
|
पुं० [सं० जलस्तंभन] १. जल की धारा को बाँधने या रोकने की क्रिया या भाव। २. दे० ‘जलस्तंभ’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलद :
|
वि० [जल√दा (देना)+क] जल देनेवाला। पुं० १. बादल। २. वंशज, जो पितरों को जल देते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलद-काल :
|
पुं० [ष० त०] वर्षाऋतु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलद-क्षय :
|
पुं० [ब० स०] शरद ऋतु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलदर्दुर :
|
पुं० [उपमि० स०] एक प्रकार का पुराना बाजा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलदागम :
|
पुं० [सं० जलद-आगम, ब० स०] वर्षाकाल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलदाभ :
|
पुं० [सं० जलद–आभा, ब० स०] वह जिसकी आभा बादल के रंग जैसी हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलदोदो :
|
पुं० [?] जलाशयों में होनेवाला एक प्रकार का पौधा जिसके शरीर से स्पर्श होने से खुजली उत्पन्न होती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलंधर :
|
पुं० [सं० जल√धृ (धारण)+खच्, मुम्] १. एक प्रसिद्ध राक्षस जिसका जन्म समुद्र से माना जाता है, और जिसका वध विष्णु ने किया था। २. नाथपंथी एक सिद्ध। पुं=जलोदर (रोग)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलधर-केदारा :
|
पुं० [सं० जलधर+हिं० केदारा] मेघ और केदारा के योग से बननेवाला एक संकर राग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलधर-माला :
|
स्त्री० [ष० त०] १. बादलों की श्रेणी या समूह। २. बारह वर्णों का एक वृत्त जिसके प्रत्येक चरण में क्रमशः एक मगण, एक भगण, एक सगण और एक यगण होता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलधरी :
|
स्त्री० [सं० जलधर+ङीष्] धातु, पत्थर आदि का बना हुआ वह आधान जिसके बीच में शिंवलिंग स्थापित किया जाता है और जो तीन ओर से गोलाकार होता है और एक ओर से लंबोतरा अर्धा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलधार :
|
पुं० [सं० जल√धृ (रखना)+णिच्+अच्] शाक द्वीप का एक पर्वत। स्त्री० [सं० जल+धारा] जल की धारा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलधारी(रिन्) :
|
वि० [सं० जल√धृ+णिनि] [स्त्री० जलधारिणी] जलधारण करनेवाला। पुं० १. मेघ। २. बादल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलधि :
|
पुं० [सं० जल√धा+कि] १. समुद्र। २. दस शंख की सूचक संख्या की संज्ञा। ३. महापद्म। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलधिगा :
|
स्त्री० [स० जलधि√गम् (जाना)+ड-टाप्] १. लक्ष्मी। २. नदी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलधिज :
|
पुं० [सं० जलधि√जन् (उत्पत्ति)+ड] चंद्रमा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलधेनु :
|
स्त्री० [मध्य० स०] एक कल्पित गाय। (पुराण)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलन :
|
स्त्री० [हिं० जलना] १. जलने की अवस्था, क्रिया या भाव। २. शरीर के किसी अंग के जलने पर उसमें होनेवाली कष्टकारक चुन-चुनाहट या पीड़ा। ३. शरीर में अथवा उसके किसी अंग में किसी प्रकार का रोग या विकार होने के कारण होनेवाली कष्टकारक चुनचुनाहट। जैसे–खुजली के कारण शरीर में जलन होना। ४. किसी की उन्नति, वैभव, सुख आदि देखकर ईर्ष्या और द्वेष के कारण होनेवाला मानसिक कष्ट। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलनकुल :
|
पुं० [सं० स० त०] ऊदबिलाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलना :
|
अ० [सं० ज्वलन] १. आग का संयोग या संपर्क होने पर किसी वस्तु का ऐसी स्थिति में होना कि उसमें से (क) लपट (जैसे–कोयला जलना) (ख) प्रकाश (जैसे–दीया जलना) (ग) ताप (जैसे–कहाड़ी या तावा जलना) (घ) धूआँ (जैसे–गीली लकड़ी जलने पर) आग उत्पन्न होने या निकलने लगे। विशेष–प्रयोग की दृष्टि से जलना का क्षेत्र बहुत व्यापक है। हमारे यहाँ स्वयं आग भी जलती है आग की भट्ठी या चूल्हा भी जलता है, भट्ठी या चूल्हे में का ईधन भी जलता है जिसमें कोई चीज पकाई जाती है। इसी प्रकार दीया भी जलता है, उसमें का तेल भी जलता है और उसमें की बत्ती जलती है। पद–जलती आग-भयावह या संकट-पूर्ण वातावरण या स्थिति। मुहावरा–जलती आग में कूदना=जान-बूझकर अपनी जान जोखिम में या विशेष संकट में डालना। २. उक्त के आधार पर किसी वस्तु का आग से संयोग या संपर्क होने पर जलकर भस्म हो जाना। जैसे–घर या शव जलना। ३. किसी विशिष्ट प्रक्रिया से किसी वस्तु के साथ अग्नि का ऐसा संयोग होना कि उस वस्तु को कोई दूसरा या नया रूप प्राप्त हो। ४. शरीर के किसी अंग का अग्नि या ताप के कारण विकृत अवस्था को प्राप्त होना। जैसे–(क) रोटी पकाते समय तवे से हाथ जलना। (ख) गरम बालू पर चलते समय पैर जलना। (ग) गरम दूध पीने से मुँह जलना। मुहावरा–जले पर नमक छिड़कना=ऐसा काम करना जिससे दुखिया का दुख और अधिक बढ़े। ५. पेड़-पौधों के संबंध में, अधिक ताप के प्रभाव के कारण मुरझा या सूख जाना। जैसे–इस भीषण गरमी में खेत के खेत जल गये हैं। ६. (आंतरिक ताप) के कारण शरीर का बहुत अधिक तप जाना। जैसे–ज्वर के कारण शरीर जलना। ७. किसी प्रकार की भौतिक या रासायनिक प्रक्रिया के कारण किसी वस्तु के विशिष्ट गुणों का नष्ट होना। जैसे–(क) बिजली का तार जलना। (ख) तेजाब की बूँद पड़ने पर कपड़ा जलना। ८. लाक्षणिक अर्थ में, ईर्ष्या, क्रोध रागद्वेष आदि के कारण बहुत अधिक उतप्त होना। मुहावरा–जली कटी सुनाना=ईर्ष्या क्रोध आदि के कारण बहुत सी कटु बातें कहना। जल मरना=ईर्ष्या द्वेष आदि के कारण बहुत अधिक दुखी होना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलनीम :
|
स्त्री० [सं० जल निंब] जलाशयों की दलदली भूमि से उपजने वाली एक प्रकार की लोनिया। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलनीलिका :
|
स्त्री० [सं० जलनीली+कन्-टाप्, हृस्व] सेवार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलनीली :
|
स्त्री० [सं० जल√निल् (नीला करना)+णिच्+अण्-ङीषी] सेवार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलपक :
|
वि०=जल्पक।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलपना :
|
अ० [सं० जल्पन] १. निर्रथक या व्यर्थ की बातें कहना। बकना। उदाहरण– धाए बुद्धि विरूद्ध कुद्ध जलपत दुर्भाषा।-रत्नाकर। २. लंबी चौड़ी हाँकना। डींग मारना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलपाई :
|
स्त्री० [देश०] रूद्राक्ष की जाति का एक पेड़ उसका फल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलपाटल :
|
पुं० [सं० जल और पटल] काजल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलप्लव :
|
पुं० [सं० जल√प्लु (कूदना)+अच्] ऊदबिलाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलबंध :
|
पुं० [सं० जल√बंध् (बाँधना)+अच्] मछली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलंबल :
|
पुं० [सं०] १. नदी। २. अंजन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलबालक :
|
पुं० [सं० जल√बल् (जिलाना)+णिच्+ण्वुल्-अक] बिंध्याचल पर्वत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलबिंदुजा :
|
स्त्री० [सं० जल-बिंदु, ष० त०√जन् (उत्पत्ति)+ढ-टाप्] एक प्रकार की रोचक ओषधि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलबेंत :
|
पुं० [सं० जलवेत्र] जलाशयों या दलदल में लता के रूप में उपजनेवाला एक प्रकार का बेंत का पौधा जिसके छिलको से कुर्सियां आदि बुनी जाती हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलभू :
|
पुं० [सं० जल√भू (होना)+क्विप्] १. मेघ। २. एक प्रकार का कपूर। ३. जलचौलाई। स्त्री० जल-प्राय भूमि। कछ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलभूतृ :
|
पुं० [सं० जल√भृ (धारण)+क्विप्] १. बादल। मेघ। २. वह पात्र जिसमें जल रखा जाता हो। ३. एक प्रकार का कपूर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलम :
|
पुं०=जन्म।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलमय :
|
पुं० [सं० जल+मयट्.] १. चंद्रमा। २. शिव की एक मूर्ति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलमुच् :
|
पुं० [सं० जल√मुच् (छोड़ना)+क्विप्] १. बादल। मेघ। २. एक प्रकार का कपूर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलमोद :
|
पुं० [सं० जल√मुद् (प्रसन्न होना)+णिच्+अण्] खस। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलरंज :
|
पुं० [सं० जल√रंज् (अनुरक्त होना)+अच्] बगुलों की एक जाति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलवाना :
|
स० [हिं० जलाना का प्रे० रूप] जलाने का काम किसी दूसरे से कराना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलवाह :
|
पुं० [सं० जल√वह् (ढोना)+अण्] मेघ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलवेतस :
|
पुं० [मध्य० स०] जलबेंत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलशायी(यिन्) :
|
पुं० [जल√शी (शयन करना)+णिनि] विष्णु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलशुंडी :
|
स्त्री०=जलस्तंभ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलसा :
|
पुं० [अ०] १. दे० ‘उत्सव’ या समारोह। २. दे० ‘अधिवेशन’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलसाईं :
|
पुं० [हिं० जलाना] मुरदे जलाने का स्थान। मरघट। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलसिरस :
|
पुं० [सं० जलशिरीष] जलाशयों में पैदा होनेवाला एक प्रकार का सिरस का वृक्ष। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलसिंह :
|
पुं० [स० त०] [स्त्री० जलसिंही] सील की जाति का एक प्रकार का बड़ा तथा हिंसक जल-जंतु। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलसीप :
|
स्त्री० [स्त्री० जलशुक्ति] वह सीप जिसके अंदर मोती हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलसीम :
|
स्त्री० [सं० जल+शिंबा] जल की सेम अर्थात् मछली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलस्था :
|
स्त्री० [सं० जल√स्था (रहना)+क-टाप्] गंडदूर्वा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलहर :
|
वि=जलहल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं०=जलधर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलहरी :
|
स्त्री०=जलधरी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलहल :
|
वि० [हिं० जल] जल से भरा हुआ। जलमय। पुं० १. =जलाशय।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) २. =सागर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलहार :
|
पुं० [सं० जल√हृ (हरण)+अण्] [स्त्री० जलहारी] पानी भरनेवाला मजदूर। पनिहारा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलहालम :
|
पुं० [सं० जल+हालम ?] जलाशयों के किनारे होनेवाला एक प्रकार का हालम वृक्ष। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलाऊ :
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वि० [हिं० जलाना+आऊ (प्रत्यय)] १. जलानेवाला। २. (वह) जो जलाया या जलाये जाने को हो। जैसे–जलाऊ लकड़ी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलांक :
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पुं० [सं० जल-अंक, ष० त०] [वि० जलांकित] जल-चिन्ह। (दे०)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलाक :
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स्त्री० [हिं० जलाना] १. पेट की जलन। २. तेज धूप की लपट। ३. लू। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलांकन :
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पुं० [सं० जल-अंकन, ष० त०] जलांक या जल-चिन्ह अंकित करने की क्रिया या भाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलाकर :
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पुं० [सं० जल-आकार, ष० त०] वह स्थान जहाँ बहुत अधिक जल हो। जलाशय। जैसे–नदी समुद्र आदि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलाका :
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स्त्री० [सं० जल-आ√का (जाहिर होना)+अच्-टाप्] जोंक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलाकांक्ष :
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पुं० [सं० जल-आ√कांक्ष् (चाहना)+अण्, ब० स०] हाथी। |
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समानार्थी शब्द-
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जलाक्षी :
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स्त्री० [सं० जल√अक्ष् (व्याप्त होना)+अच्-ङीष्] जलपीपल। जलपिप्पली। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलाखु :
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पुं० [सं० जल-आखु] ऊदबिलाव। (जंतु)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलांचल :
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पुं० [सं० जल-अंचल, ष० त०] पानी की नहर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलांजल :
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पुं० [सं० जल√अंज् (व्याप्त करना)+अलच्] १. सेवार। २. सोता। स्रोत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलाजल :
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वि०=झलाझल। पुं०=झलाझल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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जलांजलि :
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स्त्री० [सं० जल-अंजलि, मध्य० स०] १. जल से भरी अंजुली। २. तर्पण के समय पितरों आदि को दी जानेवाली जल की अंजुलि। |
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समानार्थी शब्द-
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जलांटक :
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पुं० [सं० जल√अंट (घूमना)+ण्वुल्-अक] मगर। |
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समानार्थी शब्द-
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जलाटन :
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पुं० [सं० जल√अट् (घूमना)+ल्यु–अन] सफेद चील। |
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समानार्थी शब्द-
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जलाटनी :
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स्त्री० [सं० जलाटन+ङीप्] जोंक। |
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समानार्थी शब्द-
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जलाटीन :
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पुं०=जेलाटीन। |
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जलांतक :
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पुं० [सं० जल-अंतक, ब० स० कप्] १. सात समुद्रों में से एक। २. श्री कृष्ण का एक पुत्र जो सत्यभामा के गर्भ से उत्पन्न हुआ था। (हरिवंश)। |
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समानार्थी शब्द-
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जलांतक :
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पुं० [सं० जल-आतंक, पं० त०] १. जल से लगनेवाला भय। २. पागल कुत्तों, गीदड़ों आदि के काटने से होनेवाला एक प्रकार का रोग जिसमें मनुष्य को जल देखने भर से बहुत अधिक डर लगता है। (हाइड्रोफोबिया)। |
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जलातन :
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वि० [हिं० जलना+तन] १. जिसका तन जला हो अर्थात् बहुत दुखी या संतप्त। २. क्रोधी। ३. ईर्ष्यालु। पुं० कष्ट देने की क्रिया या भाव। जैसे–इतना जलातन करोगे तो मैं चला जाऊँगा। |
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जलात्मिका :
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स्त्री० [सं० जल-आत्मन्, ब० स० कप्, टाप्, इत्व, ब० स०] १. जोंक। २. कूआँ। |
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जलात्यय :
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पुं० [सं० जल-अत्यय, ब० स०] शरत्काल। |
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समानार्थी शब्द-
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जलाद :
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पुं०=जल्लाद। |
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जलाधर :
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पुं० [सं० जल-आधार, ष० त०] जलाशय। |
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समानार्थी शब्द-
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जलाधिदैवत :
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पुं० [सं० जल-अधिदैवत, ष० त०] १. वरुण। २. पूर्वाषाढा़ नक्षत्र। |
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जलाधिप :
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पुं० [सं० जल-अधिप, ष० त०] १. वरुण। २ ज्योतिष में वह ग्रह जो किसी विशिष्ट संवत्सर में जल का अधिपति होता है। |
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समानार्थी शब्द-
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जलाना :
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स० [हिं० जलना क्रिया का स० रूप] १. आग के संयोग से किसी चीज को जलने में प्रवृत्त करना। प्रज्वलित करना। विशेष–कोई चीज या तो (क) ताप उत्पन्न करने के लिए जलाई जाती है जैसे–ईधन जलाना या (ख) प्रकाश उत्पन्न करने के लिए, जैसे–लालटेन जलाना, अथवा (ग) नष्ट या भस्म करने के लिए, जैसे–मकान या शहर जलाना। २. आज-कल उक्त क्रियाएँ आग के अतिरिक्त कुछ दूसरी प्रक्रियाओं से भी की जाती है। जैसे–बिजली की बत्ती या लट्टू जलाना। ३. ऐसा काम करना जिससे अधिक ताप लगने के कारण कोई चीज जलकर विकृत दशा को प्राप्त हो जाय। जैसे–तरकारी या रोटी जलाना। ४. किसी पदार्थ को आग पर रखकर इस प्रकार गरम करना कि उसका कुछ अंश भाप के रूप में उड़ जाय। जैसे–दूध में का पानी जलाना। ५. कुछ विशिष्ट रासायनिक पदार्थों के संयोग से ऐसी क्रिया करना जिससे कोई तल निर्जीव या विकृत हो जाय। जैसे–क्षार या तेजाब से कपड़ा या फोड़ा-फुंसी जलाना। ६. किसी को ऐसी चुभती हुई बात कहना अथवा कोई ऐसा काम करना जिससे कोई बहुत अधिक मन ही मन दुःखी हो। ७. ऐसा काम करना जिससे किसी के मन में ईर्ष्या-जन्य कष्ट उत्पन्न हो। |
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जलापा :
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पुं० [हिं० जलना+आपा (प्रत्यय)] बराबर बहुत समय तक मन ही मन जलते रहने की अवस्था या भाव। |
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समानार्थी शब्द-
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जलापात :
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पुं० [जल-आपात, ष० त०] जलप्रपात (दे०)। |
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समानार्थी शब्द-
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जलांबिका :
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स्त्री० [सं० जल-अंबिका, ष० त०] कूआँ। कूप। |
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समानार्थी शब्द-
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जलायुका :
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स्त्री० [जल-आयुस्, ब० स० कप्, पृषो० सलोप] जोंक। |
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समानार्थी शब्द-
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जलार्क :
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पुं० [जल-अर्क, मध्य० स०] जल में दिखाई पड़नेवाला सूर्य का प्रतिबिंब। |
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जलार्णव :
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पुं० [जल-अर्णव, मध्य० स०] १. जल-समुद्र। २. बरसात। वर्षाकाल। |
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जलार्द्र :
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वि० [जल-आर्द्र, तृ० त०] पानी में या से भींगा हुआ। गीला। |
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समानार्थी शब्द-
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जलार्द्रा :
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स्त्री० [सं० जालार्द्र+टाप्] १. गीला वस्त्र। २. भीगा पंखा। |
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समानार्थी शब्द-
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जलाल :
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पुं० [अ०] १. तेज। प्रकाश। २. प्रताप। महिमा। ३. वैभव और संपन्नता। |
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जलाली :
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वि० [अ० जंलाल] तेज या प्रकाश से युक्त। |
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समानार्थी शब्द-
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जलालु :
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पुं० [जल-आलु, मध्य, स०] जमींकंद। सूरन। |
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समानार्थी शब्द-
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जलालुक :
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पुं० [सं० जलालु√कै (जाहिर होना)+उक] कमल की जड़। भसींड। |
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समानार्थी शब्द-
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जलालुका :
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स्त्री० [सं० जल√अल् (जाना)+उक-टाप्] जोंक |
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समानार्थी शब्द-
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जलाव :
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पुं० [हिं० जलना+आव (प्रत्यय)] १. जलने या जलाने की क्रिया या भाव। २. जलने के कारण कम होनेवाला अंश। ३. खमीर। ४. पतला शीरा। |
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समानार्थी शब्द-
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जलावतन :
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वि० [अ०] [स्त्री० जलावतनी] देश या राज्य से निर्वासित। |
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समानार्थी शब्द-
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जलावतनी :
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स्त्री० [अ०] देश-द्रोह आदि के अभियोग में किसी को देश छोड़कर विदेश चले जाने की दी जानेवाली आज्ञा या दंड। निर्वासन देश निकाला। |
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समानार्थी शब्द-
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जलावतार :
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पुं० [जला-अवतार, ष० त०] नाव आदि पर वे उतरने का घाट। |
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समानार्थी शब्द-
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जलावन :
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पुं० [हिं० जलाना] १. जलाने की वस्तुएँ। ईधन। २. किसी वस्तु का वह अंश जो जलकर विकृत या नष्ट हो गया हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलावर्त्त :
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पुं० [जल-आवर्त्त, ष० त०] पानी का भँवर। |
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समानार्थी शब्द-
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जलाशय :
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पुं० [जल-आशय, ष० त०] १. वह स्थल (प्रायः गहरा स्थल) जिसमें जल भरा हो। जैसे–गड्ढा, झील, नदी नहर आदि। २. खस। उशीर। ३. सिंघाड़ा। ४. लामज्जक नामक तृण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलाशया :
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स्त्री० [सं० जलाशय+टाप्] नागरमोथा। |
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समानार्थी शब्द-
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जलाश्रय :
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पुं० [जल-आश्रय, ब० स०] १. दीर्घनाल या वृत्तगुंड नामक तृण। सिघाड़ा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलाश्रया :
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स्त्री० [सं० जलाश्रय+टाप्] शूली घास। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलाष्ठीला :
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स्त्री० [जल-अष्ठीला, तृ० त०] बहुत बड़ा तथा चौकोर तालाब। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलासुका :
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स्त्री० [जल-असु, ब० स० कप्-टाप्] जोंक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलाहल :
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वि० [हिं० जलाजल अथवा सं० जलस्थल] जल से भरा हुआ। जलमय। उदाहरण–जगत जलाहल होइ कुलाहल त्रिभुवन व्यापै।–रत्नाकर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलाह्वय :
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पुं० [सं० जल-आह्नय, ब० स०] १. कमल। २. कुईं। कुमुद। |
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समानार्थी शब्द-
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जलिका :
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स्त्री० [सं० जल+ठन्-इक, टाप्] जोंक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलिया :
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पुं० [सं० जल] केवट। मल्लाह।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलीय :
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वि० [सं० जल+छ-ईय] १. जल-संबंधी। जल का। जैसे–जलीय क्षेत्र २. जल में उपजने, रहने या होनेवाला। जैसे–जल-जंतु। ३. जिसमें जल का अंश हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलीय-क्षेत्र :
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पुं० [कर्म० स०] दे० ‘जल-प्रांगण’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलील :
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वि० [अ०] [भाव० जलाल] पूज्य या महान। (व्यक्ति) वि० [अ० जलील] [भाव० जिल्लत] १. जिसका अपमान हुआ हो। अपमानित। २. जो अपमानित किये जाने पर भी हठ वश वही काम करता हो। ३. तुच्छ। नीच। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलुका :
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स्त्री० [सं०√जल (तेज होना)+उक्-टाप्] जोंक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलू :
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स्त्री० [सं० जलौका] जोंक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलूका :
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स्त्री० [जल-जोक,ब०स० पृषो.सिद्धि] जोंक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलूस :
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पुं० [अ० जुलूस] १. गलियों, बाजारों सड़कों आदि पर प्रचार प्रदर्शन आदि के लिए निकलनेवाला व्यक्तियों का समूह। क्रि० प्र–निकलना।–निकालना। २. बहुत ही ठाठ-बाट या सजावट की अवस्था या स्थान। उदाहरण–बैठी जमन जलूस करि फरस फबी कुखयान।–विक्रम सतसई। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलूसी :
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वि० [अ० जुलूस] १. जलूस संबंधी। जलूस का। २. (सन या संवत्) जिसका आरंभ किसी राजा के सिंहासन पर बैठने के दिन से हुआ हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलेचर :
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वि० [सं० जले√चर्(चलना)+ट] जलचर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलेच्छया :
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पुं० [सं० जल√इ (गति)+क्विप्√शी (सोना)+अच्, टाप्] जलाशय में होनेवाला हाथी सूँड़ नामक पौधा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलेज :
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पुं० [सं० जले√जन् (उत्पत्ति)+ड] कमल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलेतन :
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वि० [हिं० जलना+तन] १. जिसे बहुत अधिक शारीरिक या मानसिक कष्ट पहुँचा हो। २. ईर्ष्या, द्रोह आदि के कारण बहुत अधिक दुःखी या संतप्त ३. क्रुद्ध। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलेंद्र :
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पुं० [जल-इंद्र, ष० त०] १. वरुण। २. महासागर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलेंधन :
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पुं० [जल-इंधन, ब० स०] बड़वाग्नि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलेबा :
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पुं० [हिं० जलेबी] बड़ी जलेबी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलेबी :
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स्त्री० [देश०] १. घी में तलकर शीरे में पगाई हुई मैदे की कंडलाकार एक प्रसिद्ध मिठाई। २. बरियारे की जाति का एक पौधा जिसमे पीले रंग के फूल लगते हैं। ३. एक प्रकार की छोटी आतिशबाजी। ४. घेरा। लपेट।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलेभ :
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पुं० [जल-इभ, मध्य० स०] जलहस्ती नामक जल-जंतु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलेरुहा :
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स्त्री० [सं० जले√रुह (उगना)+क-टाप्] सूरजमुखी नाम का पौधा और उसका फूल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलेला :
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स्त्री० [सं० जले√ला (लेना)+क-टाप्] एक मातृका जो कार्तिकेय की अनुचरी कही गई है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलेवाह :
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पुं० [सं० जले√वाह (प्रयत्न)+अण्] गोताखोर। पनडुब्बा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलेशय :
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पुं० [सं० जले√शी (शयन करना)+अच्] १. मछली। २. विष्णु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलेश्वर :
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पुं० [जल-ईश्वर,ष० त०] १ वरुण। २. समुद्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलोका :
|
स्त्री० [जल-ओक, ब० स० पृषो० सिद्धि] जोंक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलोच्छास् :
|
पुं० [जल-उच्छ्वास, ष० त०] जलाशय में उठनेवाली वह बड़ी लहर जो तट की भूमि को भी स्पर्श करती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलोत्सर्ग :
|
पुं० [जल-उत्सर्ग, ष० त०] पुराणानुसार ताल, कूआँ या बाबली आदि का विवाह। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलोदर :
|
पुं० [जल-उदर, ब० स०] एक रोग जिसमें पेट में पानी जमा होने लगता है और उसके फलस्वरूप पेट फूलने लगता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलोद्भवा :
|
स्त्री० [जल-उद्भव, ब० स० टाप्] १. गुंदला नाम की घास। २. छोटी ब्राह्मी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलोद्भूता :
|
स्त्री० [जल-उद्भता, स० त०] गुदला नामक घास। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलोद्वतिगति :
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स्त्री० [जल-उद्धति, ष० त०, जलउद्धति, ब० स०] बारह अक्षरों की एक वर्ण-वृत्ति जिसके प्रत्येक चरण में क्रमशः जगण, सगण, जगण और सगण होता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलोन्नाद :
|
पुं० [जल-उन्नाद, ब० स०] शिव का एक अनुचर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलोरगी :
|
स्त्री० [जल-उरगी, स० त०] जोंक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलौकस :
|
पुं० [जल-ओकस्, कर्म० स० स,+अच्] जोंक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जलौका :
|
स्त्री० [जल-ओक, कर्म० स० टाप्] जोंक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल्द :
|
अव्य० [अ०] जल्दी (दे०)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल्दबाज :
|
वि० [फा०] [भाव० जल्दबाजी] (किसी काम में) आवश्यकता से अधिक जल्दी करनेवाला। हर काम या बात में जल्दी मचानेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल्दबाजी :
|
स्त्री० [फा०] जल्दबाज होने की अवस्था या भाव। आवश्यक या उचित से अधिक जल्दी या शीघ्रता करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल्दी :
|
स्त्री० [अ०] तीव्रगति से आगे बढ़ने या कोई काम करने की अवस्था, क्रिया या भाव। जैसे–हर काम में जल्दी करना ठीक नहीं। अव्य० १. शीघ्रता से। जैसे–जल्दी चलो। २. आनेवाले थोड़े समय में। जैसे–अभी जल्दी पानी नहीं बरसेगा। ३. सहज में। सुगमता से। जैसे–यह बात जल्दी तुम्हारी समझ में न आयेगी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल्प :
|
पुं० [सं०√जल्प (कहना)+घञ्] १. कथन। २. बकवाद। प्रलाप। ३. ऐसा तर्क-वितर्क या विवाद जिसमें औचित्य, न्याय, सत्य आदि का विचार छोड़कर केवल अपनी बात ठीक सिद्ध करने का प्रयत्न किया जाय। ४. सोलह पदार्थों में से एक पदार्थ। (न्याय) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल्पक :
|
वि० [सं०√जल्प+ण्वुल्-अक] १. कहनेवाला। २. बकवादी। वाचाल। ३. झूठ-मूठ तर्क-वितर्क करनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल्पन :
|
पुं० [सं०√जल्प+ल्युट-अन] १. जल्प करने की क्रिया या भाव। २. डींग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल्पना :
|
अ० [सं० जल्पन] १. कहना। बोलना। २. व्यर्थ में या बेफायदा बोलना। बकवाद करना। ३. व्यर्थ में तर्क-वितर्क करना। ४. डींग मारना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल्पाक :
|
वि० [सं०√जल्प+षाकन्]=जल्पक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल्पित :
|
भू० कृ० [सं०√जल्प+क्त] १. कहा हुआ। २. बका हुआ। ३. मनगढंत और मिथ्या (बात)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल्ला :
|
पुं० [सं० जल] १. झील। (लश०) २. ताल। ३. हौज। ४. वह स्थान जहाँ जल अधिक होता या ठहरता हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल्लाद :
|
पुं० [अ०] १. मुस्लिम शासन-काल में, राज्य द्वारा नियुक्त वह कर्मचारी जो दंडित अपराधी का किसी तेज धारवाले वस्त्र से सिर काटता था। २. लाक्षणिक अर्थ में, बहुत बड़ा क्रूर तथा निर्दय (व्यक्ति)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल्वा :
|
पुं० [अ० जल्वः] १. प्रकाश। तेज। २. शोभा। सौंदर्य। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल्सा :
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पुं०=जलसा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जल्होर :
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पुं० [देश०] एक प्रकार का धान।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |