शब्द का अर्थ
|
चतुरंग :
|
वि० [सं० चतुर-अंग, ब० स०] [स्त्री० चतुररंगिणी] जिसके चार अंग हों। चार अंगोंवाला। पुं० १. सेना के चार अंग-हाथी, घोड़ा रथ और पैदल। २. चतुरंगिणी सेना का सेनापति। ३. चतुरंगिणी (सेना)। ४. संगीत में वह गाना जिसमें उसके साधारण बोल के साथ सरगम, तराने और किसी वाद्य (जैसे–तबला, सितार आदि) के बोल भी मिले हों। ५. शतरंज का खेल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चतुरंगिणी :
|
स्त्री० [सं० चतुर-अंग, कर्म० स०+इनि] ऐसी सेना जिसमें हाथी, घोड़े, रथ और पैदल ये चारों अंग हों। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चतुरंगी :
|
वि०=चतुर। उदाहरण–चित्रन होर च्यंति मनरे चतुरंगी नाह।-चन्दवरदाई। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चतुरंगुल :
|
पुं० [सं० चतुर-अंगुल, ब० स०] अमलतास। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चतुरंगुला :
|
स्त्री० [सं० चतुरंगुल+टाप्] शीतल लता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |