शब्द का अर्थ
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घटन :
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पुं० [सं०√घट्+ल्युट-अन] [वि० घटनीय,घटित] 1, घटित होने अर्थात् गढ़े या बनाये जाने की क्रिया या भाव। २. कोई घटना उपस्थित होने या सामने आने की क्रिया या भाव। |
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घटना :
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स्त्री० [सं०√घट्+णिच्+युच्,अन,टाप्] १. ऐसी बात जो घटित हुई अर्थात् अस्तित्व में आई अथवा प्रत्यक्ष हुई हो। कार्य या क्रिया के रूप में सामने आनेवाली बात। २. कोई अप्रत्याशित या विलक्षण बात जो हो जाय। वाकया। ३. कोई ऐसी अनिष्टकारक बात जो नियम, विधि, व्यवहार आदि के विरूद्ध हो। अ० [सं० घटन] १. घटित होना। अस्तित्व में आना। उदाहरण–घटई तेज बल मुख छवि सोई। तुलसी। २. कार्य के रूप में किया जाना। संपन्न होना। उदाहरण–कार्य वचन-मन सपनेहुँ कबहुँक घटत न काज पराये।–तुलसी। ३. ठीक आना, उतरना या बैठना। ४. चरितार्थ होना। सिद्ध होना। स० १. बनाना। रचना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) २. पूरा या संपन्न करना। उदाहरण–सब विधि काज घटब मैं तोरे।–तुलसी। अ० [सं० घृष्ट, प्रा० घट्ट] १. उच्च स्तर से निम्न स्तर पर आना। जैसे–(क) नदी का पानी घटना। (ख) किसी का मान या प्रतिष्ठा घटना। २. मात्रा, मान, मूल्य आदि में कम ठहरना। कम पड़ना। जैसे–(क) खाने की सामग्री घटना। (ख) पुस्तक का दाम घटना। ३. पूरा न रह जाना। ४. रोगी का अंत समय में मृत्यु के समीप पहुँचना। प्राणवायु का कम होना। ५. मृत होना। मरना। जैसे–उनका चार बरस का लड़का परसों घट गया। |
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घटना-क्रम :
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पुं० [ष० त०] एक के बाद एक कुछ घटनाएँ होते रहने का क्रम या भाव। घटनाओं का सिलसिला। |
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घटना-चक्र :
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पुं० [ष० त०] एक के बाद एक अथवा एक के साथ एक करके होनेवाली अनेक प्रकार की घटनाओं का समूह। जैसे–घटना-चक्र ने भी महायुद्ध की संभावना उत्पन्न कर दी। |
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घटना-स्थल :
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पुं० [ष० त०] घटना घटित होने का स्थान। (प्लेस आँफ अकरेन्स) |
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घटनाई :
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स्त्री० दे० ‘घड़नई’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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घटनावली :
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स्त्री० [घटना-आवली, ष० त०] बहुत-सी घटनाओं का सिलसिला या समूह। |
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