शब्द का अर्थ
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गतार :
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स्त्री० [सं० गंत्री] १. बैल के जुएँ में वे दोनों लकड़ियां जो उपरौछी और तरौछी के बीच समानान्तर लगी रहती हैं। २.वह रस्सी जो जुएँ में बँधे हुए बैल के गले के नीचे ले जाकर बाँधी जाती है। ३. बोझ बाँधने की रस्सी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गतार्त्तवा :
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वि० स्त्री० [सं० गत-आर्त्तव,ब०स०] १. (स्त्री०) जिसका रजोदर्शन बन्द हो चुका हो। २. बाँझ। बंध्या। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गतार्थ :
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वि० [सं० गत-आर्त्तव,ब० स०] १. (पद या शब्द) जिसका कुछ अर्थ न रह गया हो। २. (पदार्थ) जो काम के योग्य न रह गया हो। ३. (व्यक्ति) जिसके हाथ से अर्थ या धन निकल गया हो। जो अपनी पूँजी गँवाकर निर्धन हो गया हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |