शब्द का अर्थ
|
क्षित :
|
वि० [सं०√क्षि (क्षय)+क्त]=क्षीण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्षिति :
|
स्त्री० [सं०√क्षि+क्तिन्] १. रहने का स्थान। निवासस्थान। २. पृथ्वी। ३. कविता में एक की संख्या का वाचक शब्द। ४. क्षय। नाश। ५. पंचम स्वर की एक श्रुति। ६. धूलि। वि० दे० ‘भूमिज’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्षिति-जंतु :
|
पुं० [ष० त०] केंचुवा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्षिति-तनय :
|
पुं० [ष० त०] मंगल ग्रह। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्षिति-तल :
|
पुं० [ष० त०] पृथ्वी का तल धरातल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्षिति-देव :
|
पुं० [स० त०] ब्राह्मण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्षिति-पति :
|
पुं० [ष० त०] राजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्षितिज :
|
पुं० [सं० क्षित√जन् (प्रादुर्भाव)+ड] १. मंगल ग्रह। २. नरकासुर। ३. पेड़। वृक्ष। ४. केंचुवा। ५. पृथ्वीतल के चारों ओर की वह कल्पित रेखा या स्थान जहाँ पर पृथ्वी और आकाश एक दूसरे से मिलते हुए-से जान पड़ते हैं (होराइजन)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्षितीश (श्वर) :
|
पुं० [क्षिति-ईश, ईश्वर ष० त०] राजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्षित्यदिति :
|
स्त्री० [क्षिति-अदिति, मध्य० स०] देवकी (कृष्ण की माता)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्षित्यधिप :
|
पुं० [क्षिति-अधिप, ष० त०] पृथ्वी के स्वामी, राजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |