शब्द का अर्थ
|
किरम :
|
पुं० [सं० कृमि] १. कीट। कीड़ा। २. किरमिज नामक कीड़ा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
किरमई :
|
स्त्री० [सं० कृमि] एक प्रकार की लाख। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
किरमाल :
|
पुं० =करवाल। (खड्ग या तलवार)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
किरमाला :
|
पुं० [अं० कृतमाल]=अमलतास। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
किरमिच :
|
पुं० [अं० केनवस] एक प्रकार का मोटा बढ़िया कपड़ा जिससे जूते, परदे, बैग आदि बनाये जाते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
किरमिज :
|
पुं० [सं० कृमि+ज] [वि० किरमिजी] १. एक प्रकार का मटमैला लाल रंग। किरिमदाने का चूर्ण। हिरमजी। दे० ‘किरिमदाना’। २. किरमिजी या मटमैले रंग का घोड़ा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
किरमिजी :
|
वि० [सं० कृमिन्] किरमिज के रंग का। मटमैला। लाल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |