शब्द का अर्थ
|
उत्तार :
|
वि० [सं० उद्√तृ+णिच्+घञ्] जो गुणों में दूसरों से बढ़ा-चढ़ा हो। उत्कृष्ट। २. दे० ‘उत्तारक’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तार :
|
वि० [सं० उद्√तृ+णिच्+घञ्] जो गुणों में दूसरों से बढ़ा-चढ़ा हो। उत्कृष्ट। २. दे० ‘उत्तारक’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तारक :
|
वि० [सं० उद्√तृ+णिच्+ण्वुल्-अक] उद्धार करने या उबारनेवाला। पुं० शिव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तारक :
|
वि० [सं० उद्√तृ+णिच्+ण्वुल्-अक] उद्धार करने या उबारनेवाला। पुं० शिव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तारण :
|
पुं० [सं० उद्√तृ+णिच्+ल्युट्-अन] १. तैर या तैराकर पार ले जाना। २. एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना या पहुँचाना। ३. विपत्ति, संकट आदि से छुड़ाना। उद्धार करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तारण :
|
पुं० [सं० उद्√तृ+णिच्+ल्युट्-अन] १. तैर या तैराकर पार ले जाना। २. एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना या पहुँचाना। ३. विपत्ति, संकट आदि से छुड़ाना। उद्धार करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तारना :
|
स० [सं० उत्तराण] १. पार उतारना या ले जाना। २. दूर करना। हटाना। उदाहरण—नाहर नाऊ नरयंद चित्त चिंता उत्तारिय।—चंदवरदाई। ३. दे० ‘उतारना’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तारना :
|
स० [सं० उत्तराण] १. पार उतारना या ले जाना। २. दूर करना। हटाना। उदाहरण—नाहर नाऊ नरयंद चित्त चिंता उत्तारिय।—चंदवरदाई। ३. दे० ‘उतारना’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तारी (रिन्) :
|
वि० [सं० उद्√तृ+णिच्+णिनि] पार करने या उतारनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तारी (रिन्) :
|
वि० [सं० उद्√तृ+णिच्+णिनि] पार करने या उतारनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तार्य :
|
वि० [सं० उद्√तृ+णिच्+यत्] जो पार उतारा जाने को हो अथवा पार उतारे जाने के योग्य हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तार्य :
|
वि० [सं० उद्√तृ+णिच्+यत्] जो पार उतारा जाने को हो अथवा पार उतारे जाने के योग्य हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |