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शब्द का अर्थ
आदि-विपुला-जघन-चपला :
पुं० [जघन-चपला, तृ० त० आदि विपुला, जघन-चपला, द्वं० स०] आर्या छंद का एक भेद जिसके पहले चरण के तीन गणों में पाद अपूर्ण होता और दूसरे दल में दूसरा और चौथा गण जगण होता हैं।
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं
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