शब्द का अर्थ
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असूया :
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स्त्री० [सं० असू+यक्+अ-टाप्] १. मन की वह वृत्ति जिससे दूसरों के दोष दिखाई देते हों और गुण, सुख आदि सहन न किये जा सकते हों। (स्पाइट) २. ईर्ष्या। जलन। (जेलसी) ३. क्रोध। रोष। ४. साहित्य में एक संचारी भाव जिसमें किसी के सुख को न सहकर उसे हानि पहुँचाने का विचार होता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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