शब्द का अर्थ
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अवर्त्त :
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पुं० [सं०√वृत्त (बरतना)+घ़ञ्, न० त०] १. अपारदर्शी वस्तु। २. पानी की भँवर। आवर्त्त। ३. घुमाव। चक्कर। फेर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवर्त्तन :
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पुं० [सं०√वृत्+ल्युट्-अन, न० त०] १. जीविका या वृत्त का अभाव। २. पारस्परिक बरताव या व्यवहार का अभाव। दे० ‘आवर्त्तन’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवर्त्तमान :
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वि० [सं० न० त०] १. जो वर्त्तमान या प्रस्तुत न हो। अविद्यमान। २. जो उपस्थित न हो। अनुपस्थित। पुं० वर्त्तमान न होने की अवस्था या भाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |