शब्द का अर्थ
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विश्लेष :
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पुं० [सं० वि√श्लिष्+घञ्] १. अलग या पृथक् होना। २. वियोग। ३. थकावट। शिथिलता। ४. विरक्ति। ५. विकास। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विश्लेषण :
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पुं० [सं०] [भू० कृ० विश्लेषित] १. अलग या पृथक् करना। २. किसी वस्तु के संयोजक अंगों या द्रव्यों को इस उद्देश्य से अलग-अलग करना कि उनके अनुपात कर्तृत्व, गुण, प्रकृति पारस्परिक संबंध आदि का पता चले। ३. किसी विषय के सब अंगों की इस दृष्टि से छान-बीन करना कि उनका तथ्य या वास्तविक स्वरूप सामने आए। (एनैलिसिस उक्त दोनों अर्थों के लिए) ४. वैद्यक में, घाव या फोड़े में वायु के प्रकोप से होनेवाली एक प्रकार की पीड़ा। |
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विश्लेषणात्मक :
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वि० [सं० विश्लेषण+आत्मक] (विचार या निश्चय) जो विश्लेषणवाली प्रक्रिया के अनुसार हो। ‘आश्लेषात्मक’ का विपर्याय। (एनैलिटिकल)। |
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विश्लेषी (षिन्) :
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वि० [सं० विश्लेष+इनि] १. विश्लेषण करनेवाला। २. वियुक्त। |
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विश्लेष्य :
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वि० [सं०] जिसका विश्लेषण होने को हो या हो रहा हो। |
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