शब्द का अर्थ
|
वाचन :
|
पुं० [सं०√वच्+णिच्+ल्युट-अन] १. लिखी हुई चीज पढ़ना या उच्चारण करना। पठन। बाँधना जैसे–कथा-वाचक। २. कहना या कहकर बताना। ३. किसी मत, विचार या विषय का प्रतिपादन। ४. विधायिका सभा में किसी विधेयक का पढ़ा जाना (रीडिंग) जैसे– यह विधेयक का प्रथम वाचन था। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वाचनक :
|
पुं० [सं० वाचन√कै+क०] पहेली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वाचना :
|
स्त्री०=वाचन। स०=बाँचना। (पढ़ना)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वाचनालय :
|
पुं० [सं०] वह सार्वजनिक (या निजी) स्थान जहाँ बैठकर पठन या अध्ययन किया जाता हो (रीडिंग रूम)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वाचनिक :
|
वि० [सं० वचन+ठक्-इक] वचन के द्वारा अथवा कथन के रूप में होनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |