शब्द का अर्थ
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प्राश :
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पुं० [सं० प्र√अश् (खाना)√घञ्] १. भोजन करना। २. स्वाद लेना। चखना। आहार। भोजन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्राशक :
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वि० [सं० प्र√अश्+ण्वुल्—अक] १. खाने या भोजन करनेवाला। २. चखने या चाटने वाला। |
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प्राशन :
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पुं० [सं० प्र√अश्+ल्युट्—अन] १. भोजन करना। खाना। २. चखना या चाटना। ३. अन्न-प्राशन। |
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प्राशनीय :
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वि० [सं० प्र√अश्+अनीयर्] १. प्राशन अर्थात् खाने या चखने के योग्य। २. जो खाया या चखा जाने को हो। |
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प्राशस्त्य :
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पुं० [सं० प्रशस्त+ष्यञ्] प्रशस्तता। |
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प्राशास्त्र :
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पुं० [सं० प्रशास्तृ+अण्] १. प्राशास्ता नामक ऋत्विक का कर्म या पद। २. शासन। ३. राज्य। |
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प्राशित :
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भू० कृ० [सं० प्र√अश्+क्त] १. खाया या चखा हुआ। २. जिसका उपभोग किया गया हो। पुं० [प्र-अशित, ब० स०] १. पितृ-यज्ञ। तर्पण। २. भक्षण। खाना। |
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प्राशित्र :
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पुं० [सं०] यज्ञों में पुरोडाश आदि में से काटकर निकाला हुआ वह छोटा टुकड़ा जो ब्राह्मण के लिए एक पात्र में अलग रखा जाता था। २. गाय के कान की तरह का एक पात्र जिसमें उक्त पदार्थ रखा जता था। ३. कोई खाद्य पदार्थ। |
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प्राशी (शिन्) :
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वि० [सं० प्र√अशु+णिनि] [स्त्री० प्राशिनी] प्राशन करने अर्थात् खाने या चखनेवाला। प्राशक। |
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प्राश्निक :
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वि० [सं० प्रश्न+ठक्—इक] १.प्रश्न करने या पूछनेवाला। २. प्रश्न से संबंध रखने या प्रश्न के रूप में होनेवाला। ३. (पत्र आदि) जिसमें बहुत से प्रश्न लिखे हुए हों। ४. (व्यक्ति) जो अनेक प्रश्न करता हो। (क्वेश्चनर) पुं० १. प्रश्न-कर्ता। २. वह जो प्रश्न-पत्र (परीक्षार्थियों के लिए) तैयार करता या बनाता हो। (एग्ज़ामिनर)। ३. सभासद। ४. पंच। मध्यस्थ। |
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प्राश्य :
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वि० [सं० प्र√अश्+ण्यत्] प्राशन के योग्य। जो खाया जा सके। |
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