शब्द का अर्थ
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पेषण :
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पुं० [सं०√पिष्+ल्युट्—अन] १. पीसने की क्रिया या भाव। पीसना। २. विशेषतः ठोस चीज को पीसकर चूर्ण के रूप में लाना। (पल्वशइज़ेशन) ३. थूहड़। तिधारा। पद—पिष्ट-पेषण। (दे०) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पेषणी :
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स्त्री० [सं० पेषण+ङीप्] वह सिल जिस पर कोई चीज पीसी जाय। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |