शब्द का अर्थ
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पनाह :
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स्त्री० [फा०] १. शत्रु के उपद्रव या दूसरे संकटों से प्राणरक्षा या अपना बचाव करने की क्रिया या भाव। त्राण। २. उक्त आशय से किसी की रक्षा या शरण में जाने की क्रिया या भाव। मुहा०—(किसी काम, बात या व्यक्ति से) पनाह माँगना=किसी बहुत ही अप्रिय या अनिष्ट वस्तु अथवा विकट व्यक्ति से दूर रहने की कामना करना। किसी से बहुत बचने की इच्छा करना। जैसे—मैं आप से पनाह माँगता हूँ। ३. ऐसा स्थान जहाँ छिप या रहकर कोई शत्रु संकट आदि से बचता हो। बचाव या रक्षा की जगह। क्रि० प्र०—देना।—पाना।—माँगना। मुहा०—पनाह लेना= विपत्ति से बचने के लिए रक्षित स्थान में पहुँचना। शरण लेना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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