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उतारना  : स० [सं० उत्तारण] १. हिंदी उतरना का सकर्मक रूप। किसी को उतरने में प्रवृत्त करना। ऐसा काम करना जिससे कुछ या कोई नीचे उतरे। जैसे—कुएँ या सुरंग में आदमी उतरना। २. नाव आदि की सहायता से नदी के पार पहुँचना। उदाहरण—तब लगि न तुलसीदास नाथ कृपालु पार उतारिहौं।—तुलसी। ३. प्रयत्नपूर्वक कोई चीज ऊँचे स्थान से नीचे स्थान पर लाना या ले जाना। नीचे करना या रखना। जैसे—गाड़ी पर से सवारी या सामान उतारना, सिर पर से बोझ उतारना। मुहावरा—(किसी के) गले में कोई बात उतारना=इस प्रकार अच्छी तरह समझाना-बुझाना कि कोई बात किसी के मन में जम या बैठ जाए। ४. परिणाम या मान कम करके या और किसी उच्च स्तर या स्थिति से नीचे वाले स्तर या स्थिति में लाना। जैसे—चढ़ा हुआ नशा या बुखार उतारना, किसी चीज की दर या भाव उतारना। ५. किसी पद या स्थान से काट, खोल, तोड़ या निकालकर अलग करना या नीचे लाना। जैसे—तलवार से किसी का सिर उतारना, कमरे में लगी हुई घड़ी उतारना, पेड़-पौधों पर से फूल-फल उतारना। ६. किसी अंकित या नियत पद या विभाग से उसके नीचेवाले पद या विभाग में लाना। जैसे—कर्मचारी या विद्यार्थी का दरजा उतारना। ७. आकाश या स्वर्ग से अवतार आदि के रूप में प्रयत्नपूर्वक इस लोक में लाना। जैसे—इस लोक में प्राणियों के कष्ट दूर करने के लिए देवता लोग राम को पृथ्वी पर उतार लाये। ८. किसी को किसी स्थान पर लाकर टिकाना या ठहराना। जैसे—महासभा के अवसर पर चार अतिथियों को तो हम अपने यहाँ उतार लेंगें। ९. कोई काम करने के लिए किसी को किसी क्षेत्र में लाना या पहुँचाना। किसी को विशिष्ट कार्य की ओर प्रवृत्त करना। जैसे—महात्मा गाँधी ने हजारों नये लोगों को राजनीतिक क्षेत्र में उतारा था। १. किसी पदार्थ या आवश्यक या उपयोगी अंश या सार भाग किसी क्रिया से निकालकर नीचे या बाहर लाना। जैसे—किसी वनस्पति का अरक या रंग उतारना। ११. शरीर पर धारम की हुई चीज अलग करके नीचे या कहीं रखना। जैसे—कुरता, टोपी या धोती उतारना। मुहावरा—किसी की पगड़ी उतारना=(क) किसी को अप्रतिष्ठित या अपमानित करना। (ख) किसी से बहुत अधिक धन ऐंठना या वसूल करना। १२. ध्यान, विचार आदि के पक्ष में, अपनी पूर्व स्थिति में वर्त्तमान स्थित न रहने देना। जैसे—अब पिछली बातें मन से उतार दो। १३. कमी, घटाव या ह्रास की ओर ले जाना। जैसे—अब तो वे जल्दी-जल्दी अपना ऋण उतार रहे हैं। १४. किसी प्रकार का आवेग या वेग मंद अथवा शांत करना। जैसे—मीठी-मीठी बातों से किसी का गुस्सा उतारना, किसी के सिर पर चढ़ा हुआ भूत उतारना। १५. शोभा, श्री आदि से रहित या हीन करना। जैसे—आपने मेरी बात पर हँसकर उनका चेहरा (या चेहरे का रंग) उतार दिया। १६. बाजों आदि के पक्ष में, उनका तनाव या कसाव कम करना। जैसे—बजा चुकने के बाद बीन या सितार उतार देनी चाहिए। १७. करण, यंत्र आदि के द्वारा बननेवाली चीजों को तैयार करके पूरा करना। जैसे—खराद पर से थालियाँ या लोटे उतारना। १८. अनुकृति, प्रतिकृति, प्रतिलिपि आदि के रूप में अंकित या प्रस्तुत करना। बनाना। जैसे—किसी की तसवीर उतारना, निबंध या लेख की नकल उतारना। मुहावरा—किसी व्यक्ति की नकल उतारना=उपहास परिहास आदि के लिए किसी को अंग-भंगी, बोल-चाल, रंग-ढंग आदि का अनुकरण या अभिनय करके दिखलाना। १९. कर्म-कांड, टोने-टोटके आदि के क्षेत्र में, किसी प्रकार के उपचार के रूप में कोई चीज किसी के सामने या उसके ऊपर से चारों ओर घुमाना-फिराना। जैसे—देवी-देवताओं की आरती उतारना, किसी पर से राई-नोन उतारना। २0० कोई काम ठीक तरह से पूरा करना या उचित रूप से अंत या समाप्ति की ओर ले जाना। जैसे—(क) तुम यह छोटा-सा काम भी पूरा न कर सके। (ख) वह कचौरी, पूरी मजे में उतार लेता है (तल या पकाकर तैयार कर लेता है)। २१. घम-घूमकर चारों ओर से धन इकट्ठा करना। वसूल करना। उगाहना। जैसे—चंदा या बेहरी उतारना। २२. शतंरज के खेल में अपना प्यादा आगे बढ़ाते हुए ऐसे घर में पहुँचाना जहाँ वह उस घर का मोहरा बन जाए। जैसे—तुमने तो अपना प्यादा उतारकर घोड़ा बना लिया।
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उतारना  : स० [सं० उत्तारण] १. हिंदी उतरना का सकर्मक रूप। किसी को उतरने में प्रवृत्त करना। ऐसा काम करना जिससे कुछ या कोई नीचे उतरे। जैसे—कुएँ या सुरंग में आदमी उतरना। २. नाव आदि की सहायता से नदी के पार पहुँचना। उदाहरण—तब लगि न तुलसीदास नाथ कृपालु पार उतारिहौं।—तुलसी। ३. प्रयत्नपूर्वक कोई चीज ऊँचे स्थान से नीचे स्थान पर लाना या ले जाना। नीचे करना या रखना। जैसे—गाड़ी पर से सवारी या सामान उतारना, सिर पर से बोझ उतारना। मुहावरा—(किसी के) गले में कोई बात उतारना=इस प्रकार अच्छी तरह समझाना-बुझाना कि कोई बात किसी के मन में जम या बैठ जाए। ४. परिणाम या मान कम करके या और किसी उच्च स्तर या स्थिति से नीचे वाले स्तर या स्थिति में लाना। जैसे—चढ़ा हुआ नशा या बुखार उतारना, किसी चीज की दर या भाव उतारना। ५. किसी पद या स्थान से काट, खोल, तोड़ या निकालकर अलग करना या नीचे लाना। जैसे—तलवार से किसी का सिर उतारना, कमरे में लगी हुई घड़ी उतारना, पेड़-पौधों पर से फूल-फल उतारना। ६. किसी अंकित या नियत पद या विभाग से उसके नीचेवाले पद या विभाग में लाना। जैसे—कर्मचारी या विद्यार्थी का दरजा उतारना। ७. आकाश या स्वर्ग से अवतार आदि के रूप में प्रयत्नपूर्वक इस लोक में लाना। जैसे—इस लोक में प्राणियों के कष्ट दूर करने के लिए देवता लोग राम को पृथ्वी पर उतार लाये। ८. किसी को किसी स्थान पर लाकर टिकाना या ठहराना। जैसे—महासभा के अवसर पर चार अतिथियों को तो हम अपने यहाँ उतार लेंगें। ९. कोई काम करने के लिए किसी को किसी क्षेत्र में लाना या पहुँचाना। किसी को विशिष्ट कार्य की ओर प्रवृत्त करना। जैसे—महात्मा गाँधी ने हजारों नये लोगों को राजनीतिक क्षेत्र में उतारा था। १. किसी पदार्थ या आवश्यक या उपयोगी अंश या सार भाग किसी क्रिया से निकालकर नीचे या बाहर लाना। जैसे—किसी वनस्पति का अरक या रंग उतारना। ११. शरीर पर धारम की हुई चीज अलग करके नीचे या कहीं रखना। जैसे—कुरता, टोपी या धोती उतारना। मुहावरा—किसी की पगड़ी उतारना=(क) किसी को अप्रतिष्ठित या अपमानित करना। (ख) किसी से बहुत अधिक धन ऐंठना या वसूल करना। १२. ध्यान, विचार आदि के पक्ष में, अपनी पूर्व स्थिति में वर्त्तमान स्थित न रहने देना। जैसे—अब पिछली बातें मन से उतार दो। १३. कमी, घटाव या ह्रास की ओर ले जाना। जैसे—अब तो वे जल्दी-जल्दी अपना ऋण उतार रहे हैं। १४. किसी प्रकार का आवेग या वेग मंद अथवा शांत करना। जैसे—मीठी-मीठी बातों से किसी का गुस्सा उतारना, किसी के सिर पर चढ़ा हुआ भूत उतारना। १५. शोभा, श्री आदि से रहित या हीन करना। जैसे—आपने मेरी बात पर हँसकर उनका चेहरा (या चेहरे का रंग) उतार दिया। १६. बाजों आदि के पक्ष में, उनका तनाव या कसाव कम करना। जैसे—बजा चुकने के बाद बीन या सितार उतार देनी चाहिए। १७. करण, यंत्र आदि के द्वारा बननेवाली चीजों को तैयार करके पूरा करना। जैसे—खराद पर से थालियाँ या लोटे उतारना। १८. अनुकृति, प्रतिकृति, प्रतिलिपि आदि के रूप में अंकित या प्रस्तुत करना। बनाना। जैसे—किसी की तसवीर उतारना, निबंध या लेख की नकल उतारना। मुहावरा—किसी व्यक्ति की नकल उतारना=उपहास परिहास आदि के लिए किसी को अंग-भंगी, बोल-चाल, रंग-ढंग आदि का अनुकरण या अभिनय करके दिखलाना। १९. कर्म-कांड, टोने-टोटके आदि के क्षेत्र में, किसी प्रकार के उपचार के रूप में कोई चीज किसी के सामने या उसके ऊपर से चारों ओर घुमाना-फिराना। जैसे—देवी-देवताओं की आरती उतारना, किसी पर से राई-नोन उतारना। २0० कोई काम ठीक तरह से पूरा करना या उचित रूप से अंत या समाप्ति की ओर ले जाना। जैसे—(क) तुम यह छोटा-सा काम भी पूरा न कर सके। (ख) वह कचौरी, पूरी मजे में उतार लेता है (तल या पकाकर तैयार कर लेता है)। २१. घम-घूमकर चारों ओर से धन इकट्ठा करना। वसूल करना। उगाहना। जैसे—चंदा या बेहरी उतारना। २२. शतंरज के खेल में अपना प्यादा आगे बढ़ाते हुए ऐसे घर में पहुँचाना जहाँ वह उस घर का मोहरा बन जाए। जैसे—तुमने तो अपना प्यादा उतारकर घोड़ा बना लिया।
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